Yamunotri Dham: कहां-कहां घूमें, कैसे पहुंचे

उत्तर भारत में 4 धाम काफी मशहूर है जो कि उत्तराखंड
के अंदर है, जिनमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री शामिल है। ये छोटे धाम के नाम से भी जाने जाते हैं और इनका हिंदू धर्म में अलग ही महत्व है। यमुनोत्री कालिद पर्वत पर समुद्र तल से 4421 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यमुनोत्री के बारे मे पौराणिक कथाओं में कहा जाता है कि सूर्य की पत्नी छाया से यमुना और यमराज पैदा हुए यमुना नदी के रूप मे पृथ्वी मे बहने लगीं और यम को मृत्यु लोक मिला। ऐसा कहते हैं कि जो भी कोई मां यमुना के जल मे स्नान करता है वो आकाल म्रत्यु से मुक्त हो जाता है साथ ही मोक्ष को भी प्राप्त कर लेता है।
आमतौर पर तीर्थयात्री यमुनोत्री धाम के लिए एक दिन की यात्रा या ज्यादा से ज्यादा एक रात तक ही रुकना पसंद करते है।

इस वजह से कुछ आकर्षक और सुन्दर दर्शनीय स्थलों के दर्शन करना तीर्थयात्री भूल जाते है। हालांकि अगर आप यमुनोत्री में एक या दो दिनों के लिए यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो यहां पर आप कई जगहों पर जा सकते हैं जिन्हें देखना बिलकुल भी ना भूलें। यमुनोत्री में हर तरह के पर्यटकों के लिए अलग अलग देखने लायक जगह है। जहां पर तीर्थयात्रियों के लिए सप्तऋषि कुंड, यमुनोत्री मंदिर, सूर्य कुंड, दिव्य शिला, हनुमान चट्टी, है तो वहीं चंबा, बड़कोट, खरसाली में साहसिक प्रेमियों के लिए ट्रेकिंग भी हैं।
देखने लायक जगह
यमुनोत्री मंदिर: यमुनोत्री में मुख्य आकर्षण देवी यमुना को समर्पित मंदिर और जानकी चट्टी से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पवित्र थर्मल सल्फर स्प्रिंग्स हैं। हनुमान चट्टी से लेकर यमुनोत्री तक की छटा बहुत ही मनमोहक है।
सप्तऋषि कुंड: सप्तऋषि कुंड को यमुना नदी का उद्गम स्थल माना जाता है। 4421 मीटर की ऊंचाई पर सप्तऋषि कुंड को यमुना नदी का उद्गम माना जाता है। अपने गन्दे नीले पानी, कंकड़ और ब्रह्मा कमल के दुर्लभ दर्शन के साथ, सप्तर्षि कुंड की अद्भुत छठा देखते ही बनती है। सप्तर्षि कुंड की यात्रा करने से पहले, ये आवश्यक है कि आप यमुनोत्री में एक दिन रहकर इस क्षेत्र की जलवायु परिस्थितियों से परिचित हों।
सूर्य कुंड: मंदिर के आसपास कई खूबसूरत झरने हैं जो कई कुंडों में बहते हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण सूर्य कुंड है।


दिव्या शिला: ये यमुनोत्री में सूर्य कुंड के पास स्थित एक बड़ी चट्टान है। दिव्य शिला भक्तों के लिए एक भक्तिमय एहसास प्रस्तुत करता है। ये परम्परा है कि सभी भक्तों को यमुनोत्री में प्रवेश करने से पहले दिव्य शिला पर पूजा करनी चाहिए।
हनुमान चट्टी: यमुनोत्री से 13 किलोमीटर की दूरी पर हनुमान चट्टी है, जहां से गंगा और यमुना नदियों का संगम है, यहां से डोडी ताल के लिए ट्रेक शुरू होता है।
खरसाली: खरसाली पिकनिक के लिए रोमांचक परिवेश और सुंदर वातावरण वाला स्थान है। बहुत सारे झरनों और सुंदर दृश्यों के साथ ही खरसाली इस क्षेत्र में सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। एक सुन्दर घास के मैदान जहां पर ओक और कोनिफेर के पेड़ खरसाली का वातावरण और अद्भुत बना देते है।
बडकोट: ये यमुनोत्री के रास्ते में स्थित एक छोटा सा शहर है, जो कि यमुनोत्री से सिर्फ 49 किलोमीटर दूर है। बरकोट में एक प्राचीन मंदिर है और ये ध्यान लगाने के लिए एक आदर्श जगह है।
यमुनोत्री में ट्रैकिंग करने योग्य स्थान
चार धाम जाने के अलावा, यमुनोत्री में कुछ अद्भुत और साहसिक लोगों के लिए कठिन ट्रेक भी है। यमुनोत्री से देहरादून के रास्ते में यमुना ब्रिज और बरकोट होते हुए या फिर ऋषिकेश से होते हुए यमुनोत्री तक पहुंचा जा सकता है। जो कि ट्रेकिंग के रास्ते हैं। यमुनोत्री की यात्रा के दौरान आप कुछ लोकप्रिय और रोमांचक ट्रेक कर सकते हैं, वो हैं: डोडी ताल ट्रेक, हनुमान चट्टी से फूल चट्टी तक की ट्रेक, जानकी चट्टी से खरसाली तक की ट्रेक।
यमुनोत्री के कुछ प्रमुख त्यौहार
आपको बता दें कि यमुनोत्री में कुछ त्योहारों को काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। जैसे कि बसंत पंचमी, मार्च महीने में फूल देई और अगस्त महीने में ओलगिया, इनमें से कुछ है।
कैसे पहुंचे
अगर आप हवाई मार्ग के जरिये यहां जाना चाहते हैं तो सबसे पास जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, यहां से आपको आसानी से बस मिल जाएगी। वहीं ट्रेन से जाने के लिए हरिद्वार और देहरादून सबसे सही स्टेशन रहेंगे। इसके अलावा आप बस से भी आसानी से जा सकते हैं।


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